
the mafea king,AS ki entry!!kajal ka samna AS se!,,,
मुंबई,,
एक लड़की एक सुनसान से इलाक़े में एक छोटे से लकड़ी के घर के एक छोटे से रूम में नीचे फ्लोर पर,,अपने घुटनों में मुँह देकर बुरी तरह से रो रही थी।
देखने से ही पता चल रहा था की वो लड़की इस वक़्त बेहद डरी हुई है। लड़की इस वक़्त किसी नयी नावेली दुल्हन की तरह सजी हुई थी ।
तभी रोते रोते उस लड़की ने अपने घुटने से मुँह निकाल कर अपना सिर पीछे दीवार पर लगाकर कुछ देर पहले हुए।मौत के मंजर को याद करने लगी,,
उस लड़की की भूरी आँखें ,पतली छोटी नाक में डिमांड के नग की नॉसरिंग पहनी हुई थी।और पतले से होंठ।उस पर महरूम लिपस्टिक लगी हुई थी।और छोटा सा गोल सा मुँह।और उसकी माँग में सिंदूर ,,और गले में A लेटर के नाम के मंगलसूत्र था।रो रो कर उस लड़की ने अपनी आँखें सूजा ली थी।
वही लड़की कुछ देर पहले हुए मंज़र याद कर रही थी।उसकी आँखें मानो सुनी सी हो गई थी।
फ़्लैशबैक,,
शर्मा निवास ,,
शर्मा निवास पूरी तरह से दुल्हन सा सजाया हुआ था ।देख कर ही पता चल रहा था।की इस घर में आज शादी है।
वही शर्मा निवास में एक लड़की दुल्हन के जोड़े में सजी हुई थी।की तभी उसका फ़ोन बजा,,फ़ोन पर नाम पढ़ कर ही लड़की आँखों में शर्म की लाली आ गई थीं।
वही लड़की के आस पास उस लड़की को तैयार कर रही थी।ले काजल तेरे होने वाले पती का फ़ोन आ गई।इतना कह कर वो सभी हँसने लगी।
वही फिर थोड़ी देर उसे छेड़ने के बाद रूम से बाहर चली गई।तभी काजल ने अपना फ़ोन उठाया और सामने से एक रूमानी सी आवाज़ काजल के कान में पड़ी,,,कैसे मिसेज़ काजल कबीर रघुवंशी। तैयार हो गई क्या ?
तभी आगे से काजल___”” कबीर जी हम वो हम””
तभी कबीर __”” अरे मेरी जान कभी वो हम से आगे भी बढ़ जया करो””
वही काजल कबीर की। बात सुन कर कुछ बोल ही नहीं पाई। बस शर्मा कर hmm बोल दिया।
वही कबीर जो की काजल से बात कर रही था।उसके मन में कुछ और ही पक रहा था।उसके चेहरे के एक्सप्रेशन ही बता रहे थे।की काजल को ले कर उसके नियत कुछ सही नहीं।
तभी पीछे से कबीर को आवाज़ पढ़ी चल भई बारात लेकर भी जाना है। के फ़ोन से ही चिपके रहेगा भाभी घर ही आ रही है।
वही काजल के चेहरे पर एक शर्म से भारी मुस्कान तैर गई।
तभी कबीर फ़ोन पर काजल से बोला ___ अपनी तैयारी कस लो में तुम्हें लेने आ रहा हूँ।
अगले ही पल काजल की मीठी से आवाज़ उसके कानो में पढ़ी हम आपका इंतज़ार करेंगे।
वही काजल की बात सुन कर कबीर के फेस पर डेविल स्माइल आ गई।और उसने अपना फ़ोन काट दिया।
और मन में आज तुम्हारी इज़्ज़त को अपने हाथों से तार तार ना कर दिया तो में भी कबीर रघुवंशी नहीं।
इसी इज़्ज़त की ख़ातिर तुमने मेरे ऊपर भरे कॉलेज में हाथ उठाया था ना।
आज कैसे बचोगी मुझसे,,पूरी तरह तुम्हारी ख़ूबसूरती को अपने होंठों से पीऊँगा और तुम्हें पूरी तरह से मसल कर रख दूँगा।इतना कह कर वो ज़ोरो से हंसने लगा मानो कोई पागल हो।
वही पीछे खड़ा कबीर का दोस्त भी उसकी बात पर बोला यार तुझे याद है ना हमारे बीच क्या डील हुई थी।तेरे बाद मैं उसे बिस्तर पर मसलूँगा,,भूल मत जाना।
वही कबीर__ हा हा मसल लेना वैसे भी एक बार होने के बाद तुझे पता है मैं कभी दोबारा एक ही लड़की use नहीं करता।
उसके बात पर कबीर के दोस्त संदीप के चेहरे पर एक क्रीपी सी स्माइल आ गई।
तभी संदीप__ कबीर चल यार अब झूठी शादी का ड्रामा भी करना है।
वही दूरी तरफ़ काजल कबीर के इरादों से अनजान अपनी ही धुन में शादी के ख़यालों में खोई हुई थी।
तभी काजल की माँ हरजीत जी, आई और काजल की बलाए लेते हुए,,किसी की नज़र ना लगे मेरी बच्ची को।
वही काजल अपनी माँ की बात सुन उनके गले लग गई।और उसकी आँखों नम हो गई।
हरजीत जी काजल से बाते करने लगी पता ही नहीं चला कब एक घंटा कब बीत गया।और बाहर से बारात की आवाज़ आने लगी।
थोड़ी ही देर में हरजीत जी दरवाज़े पर खड़ी कबीर की आरती उतर रही थी।वही शर्मा निवास के बाहर ही मंडप लगा हुआ था। कुछ ही नज़दीक के मेहमान थे।तो इस लिए जायदा भीड़ नहीं थी।
थोड़ी ही देर रस्में करने के बाद,,कबीर मंडप में बैठा था।और तभी पंडित जी ने कहा वधू को बुलाया जाए।
थोड़ी देर काजल वहाँ पर आयी महरून कलर का जोड़ा और ऊपर से दूध सा गोरा रंग हाईट 5”2””inch ऊपर से पतली सी कमर जिस पर बंधा कमर बंध काजल पूरा कहर ढा रही थी।ऊपर से मेहरूँन लिपस्टिक और नाम मात्र का मेकअप,,
थोड़ी ही देर में काजल मण्डल में आकर बैठी,,और थोड़ी ही देर में रस्में शुरू हुई।के तभी वहाँ पर एक गोली चली।
वो गोली सीधा कबीर की बह में जाकर लगी,तभी कबीर की चीख उस मंडप में गूंज गई।
ये सब इतनी जल्दी हुआ।वहाँ खड़े हर इनसान को कुछ समझने का मौक़ा नहीं मिला वही काजल को तो कुछ समझ नहीं आया आख़िर हुआ तो हुआ क्या।
तभी वहाँ पर ब्लैक कलर की यूनिफार्म में बहुत सारे गार्ड आकर खड़े हो गये। जिन्होंने घर पर सभी और से घेर लिया था।
बारात और औरमंडप तक हर किसी पर गन तानी हुई थी।
कुछ दो तीन मिनट बाद ___””गार्ड्स के बीच में से एक लड़का जिसकी हाईट 6 “4”” रंग गोरा और नेवी ब्लू आईज और हल्के ब्राउन लिप्स और 42””का सीना और सिक्स पेक एप जेल सेट किए हुए बाल ,,ऊपर से अपनी shirt के ऊपर के तीन बटन खुले छोड़े थे।
एक कान में सोने की बलि और गले मोटी सोने के चैन और हाथ में भी सोने का कड़ा।
देखने से ही वो लड़का पता चल रहा था।की वो कोई मामूली शख़्सियत नहीं है।उस लड़के का औरां कुछइस तरह का था।जिससे वहाँ खड़ा हर शख़्स काँप रहा था।
वही हरजीत जी जल्दी से काजल को आकार गले लगा लिया और चेहरे घूँघट से ढक दिया।और काजल के पिता सुनंद जी भी वही खड़े थे और अपने सामने खड़े इंसान को देख कर पहचानने की कोशिश कर रहे हो।
उनके चेहरे पर डर की एक शिकन तक नहीं थी।वही कबीर उस शख़्स को देख कर मानो ग़ुस्से में उसकी आँखों में खून उतर आया हो।
और उसके मुँह से एक ही नाम निकला AS,,इतना कहते हुए।उसके जबड़े कसे हुए थे।
वही वो लड़का जो की AS था।वो कबीर के पास आकर बोला वो चिप कहा हैं?
वही कबीर ने जब AS की बात सुनी तो उसके चेहरे ईविल स्माइल आ गई।और फिर अगलें ही पल अपने चेहरे पर भाव को बदलते हुए बोला ,,ऐसी कौन सी चिप है।जिसे लेने के लिए “”द माफिया किंग “”को ख़ुद आना पड़ा।
वैसे मानना पड़ेगा कुछ तो होगा उस चिप में वही साथ में खड़ी काजल जिसके चेहरे पर अभी भी घूँघट था।
वो ख़ुद समझने की कोशिश कर रही थी।की आख़िर चल क्या रहा है।उसकी आँखों में पानी लगातार बरस रहा था।
जो की उसके आपस से उलझे हुए हाथों पर गिर रहा था।वही AS जिसकी नज़र सिर्फ़ और सिर्फ़ कबीर पर थी।
उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई।तभी AS ने अपने पर्सनॉल असिस्टेंट आमिर को कुछ इशारा किया।जो की असिस्टेंट के साथ साथ उसका बॉडीगार्ड भी था।उसको कुछ इशारा किया।
AS का इशारा पाते ही आमिर ने जो फाइल हाथ में ली हुई थी।वो कबीर की और बढ़ा दी उस फाइल को देख कर कबीर चेहरे पर सवालिया एक्स्पीरेशन आ गये।
वही AS के चेहरे पर अभी भी डेविल स्माइल थी।वही सब लोग उनकी और देख रहे थे और समझने की कोशिश कर रहे।
तभी हरजीत जी बीच में बोली ___””ये सब क्या हो रहा है ?””
जब कि काजल के पिताजी सुनंद जी अभी भी बिना किसी डर के खड़े थे।उनके चेहरे पर अभी तक कोई शिकन तक नहीं आई थी।
वही AS जो की कब से कबीर पर नज़र गड़ाये खड़ा था।अब जाकर उसका ध्यान हरजीत जी पर गया।
जैसे ही AS का ध्यान हरजीत पर गया।उन्हें देखते ही ,,जैसे AS की नेवि ब्लू आँखों में अनकहा सा समंदर की लहरें उठ खड़ी हुई हो।
उसके चेहरे पर पर जो devil smile थी। वो अब ग़ायब हो गई थी।और AS का चेहरा एक दम से एक्सप्रेशनलेस हो गया।
ऐसा लग रहा था।मानो कोई तूफ़ान आने को हो।
तभी हरजीत जी बोली कौन हो तुम और क्यों मेरी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद करने पर तुले हो,,,आज हमारी बेटी की शादी है।
हम तुम्हारे आगे हाथ जोड़ते है।हमारी बेटी की शादी हो जाने दो।वही अब जाकर AS का ध्यान काजल पर गया।
तभी AS के कदम अपनी जगह से उठे और AS सीधा काजल के सामने आकर खड़ा हो गया।वही काजल जिसका चेहरा अभी भी घूँघट से ढका हुआ था।
AS को अपने क़रीब महसूस कर बुरी तरह से काँपने लगी।
तभी AS ने बिना पल गवाये काजल का घूँघट एक झटके से उसके चेहरे से हटा दिया।वही काजल जो की काँप रही।उसकी तो मानो घूँघट हटने से जान निकल गई हो।
वही घूँघट हटाते ही एक पल के लिये AS मानो उसे देखता ही रह गया।
मासूम सा बेदाग़ गोराचेहरा रो रो कर लाल हो चुकी छोटी सी नाक सूजी हुई आँखें काजल इस वक़्त बेहद क्यूट लग रही थी।
वही काजल के पिता जी सुनंत जी के चेहरे पर एक छोटी सी ना दिखने वाली स्माइल आ गई।
वही हरजीत जी डर के मारे आगे आने को हुई।तभी बॉडीगार्ड ने उनपर बंदूक़ तान दी और वो वही पर खड़ी रह गई।
वही AS की आँखें लगातार काजल के चेहरे पर बनी हुई थी।वो बिना पलक झपकाए एक टक काजल को देख रहा था।
दूसरी और खड़े कबीर जिसने अभी फाइल खोली भी नहीं थी।
उसने जब AS को काजल को ऐसे देखते हुए,देखा तो उसका चेहरा ग़ुस्से से भर गया।और वो AS की और बढ़ने लगा ,,की तभी वहाँ पर एक गोली चलने की आवाज़ हुई।
To be continue …………….
बम धमाका,,और शादी!!!
वही AS की आँखें लगातार काजल के चेहरे पर बनी हुई थी।वो बिना पलक झपकाए एक टक काजल को देख रहा था।
दूसरी और खड़े कबीर जिसने अभी फाइल खोली भी नहीं थी।
उसने जब AS को काजल को ऐसे देखते हुए,देखा तो उसका चेहरा ग़ुस्से से भर गया।और वो AS की और बढ़ने लगा ,,की तभी वहाँ पर एक गोली चलने की आवाज़ हुई।
AS जो की काजल की और देख रहा था उसने कबीर के पैर पर शूट किया था।पर उसकी नज़र एक पल के भी काजल से नहीं हटी।
वही कबीर अब ज़मीन पर बेठ अपने पैर पकड़ कराह रहा था।
वही काजल के तो पैरो तले ज़मीन ही खिसक चुकी थी।वो जल्दी से कबीर के पास आने को हुई।पर तभी AS ने उसे कलाई से पकड़ अपनी और खिचा,,और काजल सीधा AS के सीने से जा लगी।
अभी तक तो काजल ने एक बार भी AS की और नज़र उठा कर नहीं देखी।उसने कब से पलके झुका रखी थी।
पर अब जाकर काजल अपनी पलके उठाई और काजल की नज़र AS की नज़रों से टकराई।जैसे ही काजल ने AS की आँखों में देखा तो उसके शरीर में डर कि सिहरन सी दौड़ गई।
उसका पूरा शरीर जैसे काँप गया।AS की वो गहरी नीली आँखें जो ठंडा पन था।ठंडापन होने के बावजूद भी उसकी आँखों में अग़ल ही आग जल रही थी।
वही काजल अपनी भूरी आँखों से उसे देख रही थी।और AS की पकड़ से ख़ुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।पर AS की पकड़ उतनी कसती जा रही थी।
वही AS का चेहरा एक्सपायरेशन लेस था और अपनी नीली आँखों से लगातार काजल को देख रहा था।उसकी नीली आँखें एक दम शांत थी।पर उनमे एक उनचाहा तूफ़ान था।वहाँ मंडप पर एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था।
हर कोई AS और काजल को देख रहा था।
अगले ही पल AS खामोशी को तोड़ते हुए ,,वो एक दम से पंडित जी की तरफ़ पलटा और बोला शादी के मंत्रा शुरू कीजिए।इतना कह कर मंडप की और बढ़ा और आमिर को कुछ इशारा कर,,
काजल को ज़बरदस्ती खिच कर मंडप में बिठा लिया।
मंडप में बैठते ही काजल की सेंस तो मानो हलक में अटक गई।वही हरजीत जी आगे भागने को हुई।तभी पीछे सुन्नत जी ने हरजीत जी को रोक लिया।
वही हरजीत जी सुन्नत जी के ऐसे रूकने पर चौंक गई।ग़ुस्से में बोली ये क्या तमाशा हो रहा है।
आप अपनी बची को बर्बादी कैसे देख सकते है,हम लोग इस गुंडे मवाली को जानते भी नहीं है।और ये हमारी बची से शादी रचा रहा,,
हमारी बची मर जाए गी सुनंत जी,,उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी।वही कबीर के तो जैसे होश ही उड़े हुए थे।
अभी कुछ देर पहले वो अपनी नक़ली शादी करने के लिए पंडित जी को लाया था।पर जब उसने पंडित को देखा तो ये वो पंडित था।ही नहीं,,
वही दूर सुनंत जी जो की हरजीत जी को सम्भाल रहे थे।वो बड़े धायान से कबीर का रिएक्शन देख रहे थे।और उनके चेहरे पर रहस्यमयी स्माइल थी।
वही मंडप में पंडित जी मात्रा पढ़ रहे थे।उन्होंने कहा वर वधू अब फेरो के लिए खड़े हो जाइए जैसे ही पंडित जी ने कहा AS अपनी जगह से खड़ा हुआ।पर काजल अभी भी अपनी जगह से खड़ी नहीं हुई थी।
उसकी तो जैसे पैरो में जान ही नहीं थी।रो रो कर आँखें लाल हो हो चुकी थी।वहीAS एक टक काजल को देख रहा था।जब काजल नहीं उठी तो AS ने नीचे झुक कर काजल की कलाई पकड़ी और झटके से खड़े कर दिया।
AS के ऐसा करने से काजल अंदर तक सहम गई।वही सुनंत जी को भी AS के ऐसा करने से दुख हुआ पर वो चुप रहे,,पर कुछ ही देर में फेरे शुरू हो गए।अभी पहला फेरा चल रहा था।
की कबीर आगे बढ़ने को हुआ,,पर पीछे से आमिर ने कबीर पर बंदूक़ तानते हुए।कहा पहले AS सर की फाइल तो देखो ,,तुम्हारे लिए सरप्राइज़ है।फिर शादी में शामिल होना,,शादी के बाद भिखारियों को दान दक्षिणा भी मिलेगी,,
उसकी बात पर कबीर अपने दांत पीस कर रह गया,,,
वही पहले फेरा पूरा हो चुका था। AS काजल की कलाई पकड़ ज़बरदस्ती उसके साथ फेरे ले रहा था।
पहले फेरे के बाद अगले फेरे की तभी काजल के पैर में कुछ चुभ गया ,,जिस वजह से उसकी आह निकल गई।काजल की आह सुन कर AS ने पीछे मुड काजल की और देखा।तो काजल का चेहरा दर्द की वजह से लाल हो गया था।
तभी AS नज़र काजल के पैर पर गई।जहां से खून बह रहा था।तभी AS रुका और नीचे झुक कर काजल के पैर को अपने हाथ में लेकर उसके पैर को देखने लगा।
वही सभी बॉडीगार्ड और आमिर का ये नज़ारा देख आँखें बाहर को आने को हो गई थी।वही सुनंत जी के चेहरे पर एक गहरी मुस्कान आ गई,,
वही हरजीत जी भी ये देख रही थी,,पर वो सिर्फ़ बुत बन कर खड़ी थी।वही कबीर के मन में एक आग जल रही थी।
वही मंडप में काजल के पैर में नीचे किल था।जो की उसके पैर में गढ़ गया,था।उस किल को देख कर AS की आँखें सर्द हो गई।और उसने आमिर की और देखा।तो आमिर ने हा में इशारा कर दिया।
वही अगले ही पल AS ने काजल को अपनी गोद में उठा लिया और फेरे शुरू हो गए।वही काजल ने अब भी एक नज़र AS को नहीं देखा।
कुछ ही देर में फेरे ख़त्म हुए,,और पंडित जी माँग में सिंदूर और और मंगलसूत्र पहनाने को कहा।तभी AS ने आमिर की तरफ़ देखा,,,तो आमिर ने बॉडीगार्ड को इशारा किया।
तो बॉडीगार्ड ने एक पतली सी जूलरी बॉक्स की डीबी आगे बढ़ा दी।और AS ने उस डीबी में से मंगलसूत्र को निकाला जो की उसने मंडप में बैठने से पहले आमिर को इशारा किया था।
वो मंगलसूत्र बहुत खूबसूरत था जिस्म A और k लेटर बड़े यूनिक तरीक़े से लिखा हुआ था।और उन पर छोटे छोटे डायमंड भी लगे थे।
AS ने वो मंगलसूत्र काजल के गले में पहनाया और सिंदूर की डीबी में से सिके पर सिंदूर ले कर काजल की माँग में भर दिया।तभी थोड़ा सा सिंदूर काजल की छोटी सी नाक पर भी गिर गया।
सिंदूर भरते ही काजल की आँखों बंद हो गई।और उसकी आँखों से आंसू लुढ़क कर उसकी गाल पर आ गया।
तभी AS उसके कान के पास झुक कर बोला अब रोने की आदत डाल लो cutiepie अब तो ये तुम्हारे सारी उमर के साथी है।
इतना कह AS पीछे हो गया।पर उसकी नज़र अब भी काजल के चेहरे पर थी।वही AS की बात सुन काजल ने धीरे से अपनी पलके उठाई,,,इतने में उसकी नज़र AS से जा मिली दोनों एक टक एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे।
एक की नज़र में दुनिया जहां की मासूमियत थी।दूसरे के आँखों में दुनिया जहां का ग़ुस्सा और क्रियुल्टी,,तभी उन दोनों के कान में पंडित जी की आवाज़ पढ़ी शादी संपन्न हुई।यजमान घर के बड़ों का आशीर्वाद लीजिए,,
पंडित जी की बात पर दोनों खड़े हुए,,और काजल अपने मोम डैड के पास जाने को हुई।पर उसका पैर लड़खड़ा गया।
अगले ही पल AS ने उसकी कमर पर हाथ रख उसे सम्भाल लिया।और उसे गोद में उठा कर,,काजल को उसके मोम डैड की और ले जाने लगा।
वही काजल ने अब जाकर AS को ध्यान से देखा,,काजल के मन में कई सवाल थे।वही उसे AS की कुछ देर पहले की बात याद आई।अब रोने की आदत डाल लो,,ये आंसू सारी उमर काम आने वाले है।
वही दूसरी और AS उसे जरा सी तकलीफ़ पर गोद में उठा लेता है।तभी AS ने उसे हरजीत जी के पास लाकर खड़ा किया अब जाकर काजल को होश आया कि वो क्या सोच रही थी,,,
तभी हरजीत जी अपनी मोम काजल को गले लग कर बोली मुझे माफ़ कर दे मेरी बच्ची में तेरी ज़िंदगी बर्बाद होने से नहीं बचा पई।पर कोई बात नहीं।
में इस शादी को नहीं मानती,,में तुझे कही नहीं जाने दूँगी,,और रही बात इस गुंडे की में किसी से नहीं डरती।और ये शादी नहीं हुई है।हम यहाँ से बहुत दूर चले जाएँगे।
वही हरजीत जी की बात सुन AS की नज़ारे सर्द हो गई।तभी अनंत जी बोले कैसे बातें करती हो हरजीत,,काजल की शादी हो चुकी है।
और तुम मानो ना मानो सच झुठलाया नहीं जा सकता,,
तभी हरजीत जी हम नहीं मानते ये कहते हुए उनकी साँसे फूलने लगी और अगले ही पल वो बेहोश हो गई।तभी सुनंत जी ने उन्हें सम्भाल लिया और पीछे से किसी को इशारा किया और दो औरतें,,हरजीत जी को लेकर अंदर चली गई।
तभी अनंत जी काजल के गाल पर अपना हाथ रख कर बोले ,,,खुश रहो मेरी बच्ची।और आज में तुमसे एक वचन चाहता हूँ।तुम इस रिश्ते को जी जान से निभाओगी,,और में जानता हूँ।की मेरी बच्ची बहुत समझदार है।वचन दो हमे,,
तभी काजल ने अपना हाथ बढ़ा कर अपने बाबा के हाथ पर रख दिया।और बोली में वचन देती हूँ,पापा
इतना कह अनंत जी ने काजल को अपने गले लगा लिया।वही जैसे ही काजल अपने पापा के गले लगी AS ने अपनी मुठिया बीच ली,
वही कबीर अब ग़ुस्से से आग बबूला हो चुका था।वही आमिर का ध्यान भी AS,काजल और उसके पापा पर था।
के तभी कबीर पलटा और आमिर के हाथ से गन छीन कर गोली आमिर की बह में दे मारी ,,तभी वहाँ पर खड़े बरती जो की कबीर के साथ आये थे।उन्होंने ने भी गन निकाल कर AS के बॉडीगार्ड और अंधधुंद फायरिंग शुरू कर दी।
इसी बीच AS काजल और उसके पापा को बचा कर शर्मा निवास के अंदर तरफ़ ले आया।और खुद बाहर आ गया।
AS को पता नहीं चला काजल भी AS की पीछे आ रही थी।के तभी बाहर एक गन शॉट के बीच एक बम धमका हुआ।
काजल का दिल धक सा रह गया।
to be continue……………
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